शिक्षक प्रशिक्षण और नियुक

प्रशिक्षण

चुनना

  • उच्च मापदंडों के तहत पेशेवर शिक्षकों का चुनाव किया जाता है । सीखना और सिखाना सामान्य और प्राथमिक शिक्षा की बुनियाद है और हम शिक्षकों के चुनाव में इन्हे एक महत्वपूर्ण पहलू मानते हैं, इसके साथ:
    • मौखिक ( शाब्दिक) योग्यता
    • सामाग्री ज्ञान
    • शिक्षक प्रमाण पत्र 
    • शिक्षक अनुभव 
    • प्रासंगिक पाठ्यक्रम में विशेषज्ञता 

ऑनबोर्डिंग

  • शिक्षकों की नियुक्ति के बाद तुरंत उन्हें हमारी तरफ से हमारे द्वारा दिए जानेवाले  कोर्सेस की जानकारी, सामाग्री निर्माण, अध्यापन शिक्षा सामाग्री, जांच और मूल्यांकन के बारे में दिशानिर्देश दिए जाते हैं । उन्हें एक वरिष्ठ शिक्षक की निगरानी में रखा जाता है जो कि उन्हें प्रशिक्षण और प्रोजेक्ट सौंपने के लिए जिम्मेदार होता है । 

प्रशिक्षण

  • शिक्षकों को टीजी गुरूकुल मंच और व्हाईटबोर्ड को इस्तेमाल करने का प्रशिक्षण दिया जाता है । मॉक टेस्ट और सत्रों से यह मापा जाता है कि संबंधित व्यक्ति व्हाईटबोर्ड, सामाग्री और शिक्षक अध्यापन सामाग्री इस्तेमाल करने में कितना सक्षम है । दो हप्ते का प्रशिक्षण पूरा करने के बाद ही उसे कक्षा सौंपी जाती है |

नियुक्ति

लाइव ऑनलाइन क्लासरूम सत्र

  • टीजी गुरूकुल के कार्यक्रमों को इस तरह से निर्मित किया गया है जिससे विद्यार्थियों की क्षमताओं में वृद्धि होगी । लाईव सत्रों में सिखाने के लिए विशेषज्ञ शिक्षकों को शामिल किया जाता है जो पहले भी बहुत सारे विद्यार्थियों को सिखा चुके हैं । विषय से संबंधित सभी सिद्धांतो को सिखाकर विद्यार्थियों द्वारा जताई गई शंकाओं का तुरंत निवारण किया जाता है । नियमित इकाई जांच और कक्षा जांच कर विद्यार्थी की प्रगति को मापा जाता है ।

नियमों के सबूत

  • प्रूफ ऑफ कॉंसेप्ट ( सिद्धांत का सबूत ) कार्यक्रम के तहत टीजी के शिक्षक विद्यार्थियों को उनकी पसंद का विषय सिखाते हैं । कक्षा को आकर्षक बनाने के लिए हम सभी प्रकार के वीडियो और ऑडियो उपकरणों का इस्तेमाल करते हैं ।  दूर – दराज में रह रहे विद्यार्थियों को सिखाने के लिए यह एक प्रभावी तरीका है ।  

आजीविका सलाह और कार्यशाला

  • हम सिखाने की प्रक्रिया का विस्तार कर विद्यार्थियों के व्यक्तिगत तौर पर सीखने के तरीकों को जानकर उनकी दिलचस्पी और योग्यता के अनुसार परस्पर संवाद कर हम अपने कार्यक्रमों का निर्माण करते हैं । हमारे प्रदर्शन सत्र इसमें एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं        ।.

शिक्षक भर्ती और चुनाव

  • तमाम आवेदकों में से उच्च मापदंडों के तहत पेशेवर शिक्षकों की नियुक्ति की जाती है । 
  • टीजी गुरुकुल का उद्देश्य है कि कोई भी बच्चा पीछे न रह जाए इसलिए यह अनिवार्य हो जाता है कि काफी योग्य शिक्षकों की नियुक्ति करें जो कि बच्चों को व्यक्तिगत तौर पर सुविधा के अनुसार सिखाकर कक्षा में उत्पादक और समृद्ध वातावरण का निर्माण कर सकें । 
  • टीजी गुरूकुल के शिक्षकों का मूल्यांकन निम्नलिखित बिंदुओं पर किया जाता है । 
    •  शिक्षक व्यक्ति के रूप में
    • कक्षा व्यवस्थापन और संगठन 
    •  शिक्षा की योजना
    • शिक्षा का क्रियान्वयन
    • विद्यार्थी की प्रगति और क्षमता की निगरानी 
  • टीजी गुरूकुल का नियुक्ति समूह शिक्षकों के चुनाव से पहले निम्नलिखित पहलुओं पर ध्यान देता है:
    • मौखिक ( शाब्दिक) योग्यता
    • सामाग्री ज्ञान
    • शिक्षक प्रमाण पत्र
    • शिक्षक अनुभव
    • प्रासंगिक भाषा में कुशलता
    • पाठ्यक्रम विशेषज्ञता

शिक्षक जुड़ाव और प्रशिक्षण

  • शिक्षकों को संचालक शिक्षक द्वारा कार्यक्रम प्रदान किए जाते हैं ।
  • संचालक शिक्षक परिचय से शुरू कर अन्य शिक्षकों से मिलाते हुए पूरे समूह के बारे में बुनियादी जानकारी देता है ।
  • संचालक शिक्षक उन्हें टीजी गुरूकुल की वेबसाईट दिखाता है और उन्हें वेबसाईट को पढ़कर निम्ननिखित मापदंडों पर नोट्स बनाने के लिए कहता है ।
    • टीजी के कोर्सेस, कोर्सेस का विवरण और कोर्सेस की सामाग्री ।
    • टीजी से जुड़े संकाय, उनकी योग्यता और उनके रिकॉर्डेड वीडियो
    • टीजी गुरूकुल वेबससाईट की संपूर्ण समझ
  • संचालक शिक्षक नए शिक्षकों द्वारा तैयार नोट्स को देखकर मार्गदर्शन करते हुए उन्हें अन्य मौजूदा शिक्षकों के वीडियोज देखने के लिए कहते हैं ।
  • संचालक शिक्षक नए शिक्षकों को समझाकर प्रमुखों की सलाह पर आवश्यकतानुसार नई सामाग्री बनाने का काम सौंपता है ।
  • सामाग्री निर्माण शामिल है लेकिन यहीं तक सीमित नहीं होगा बल्कि निम्नलिखित कार्य भी शामिल होंगे:
    •  यदि आवश्यक हुआ तो प्रश्नों को चुनना और संगठित करना
    • उत्तर का स्पष्टीकरण निर्मित करना
    • सब्सिक्रिप्सन के अनुसार प्रश्नों को टैग करना अथवा पहले से मौजूद टैग्स में बदलाव करना
  • संचालक शिक्षक निर्मित सामाग्री की समीक्षा कर नए शिक्षकों को बदलाव का सुझाव देगा ।
  • नए शिक्षको को सामाग्री ठीक होने तक दोबारा लिखने के लिए कहा जा सकता है ।
  • एक बार सामाग्री तैयार हो जाने के बाद संचालक शिक्षक नए शिक्षक को स्वतंत्र रूप से सामाग्री तैयार करने और काम करने की अनुमति दे देता हैं ।
  • संचालक शिक्षक नए शिक्षक को व्हाईटबोर्ड प्रशिक्षण के लिए सहयोग समूह को सौंप देगा ।
  • सहयोग समूह नए शिक्षकों के व्हाईटबोर्ड प्रशिक्षण के लिए समय सारिणी तैयार करेंगे जिसमें निम्निखित बिंदू निहित होंगे ।
    • व्हाईटबोर्ड का परिचय और सुविधाओं का स्पष्टीकरण
    • नए शिक्षकों को पेन और टेबल का इस्तेमाल करने के लिए व्हाईटबोर्ड सौंपना
    • अभ्यास के लिए शिक्षक का व्हाईटबोर्ड इस्तेमाल करना
  • नए शिक्षक व्हाईटबोर्ड का इस्तेमाल करने में कितने सक्षम हुए हैं इसका अवलोकन सहयोग समूह करेगा ।
  • एक बार सहयोग समूह ने हरी झंडी दिखा दी उसके बाद उनके मॉक सत्र का आयोजन किया जाएगा ताकि इसकी जांच हो सके कि वो व्याख्यान लेने के लिए कितना तैयार है ।
  • नए शिक्षकों को सत्रों की रिकॉर्डिंग के माध्यम से मौजूदा शिक्षकों द्वारा अपनाई जा रही प्रक्रिया के बारे में समझाने में सहयोग टीम मदद करेगी ।
  • सहयोग समूह मौजूदा शिक्षकों के साथ  मिलकर मॉक सत्र आयोजित करेगी जिससे शिक्षक के प्रदर्शन को जांचा जा सके ।
  • प्रत्येक शिक्षक को अपनी पसंद के विषय पर व्हाईटबोर्ड पर डेमों व्याख्यान देना होगा
  • मौजूदा शिक्षक उस सत्र की समीक्षा कर विस्तृत रुप में परिणाम बताएंगे ।
  • एक बार मौजूदा शिक्षकों ने हरी झंडी दिखा दी कि शिक्षक को कक्षाएं लेने की अनुमति दे दी जाएगी ।