टीजी गुरूकुल का लक्ष्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत कौशल और क्षमता निर्माण कार्यक्रम प्रस्तुत करना
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लक्ष्य आधारित उद्देश्यों को लागू करने के लिए व्यापक पहल के साथ मदद करना
- विद्यार्थियों के प्रदर्शन में सुधार के विश्वास के साथ डिजिटली विभाजित और कमजोर तबके के विद्यार्थियों को कौशल और क्षमता निर्माण कार्यक्रम प्रदान करना
- सरकार के डिजिटल मंचों को सहयोग और त्वरित विकास प्रदान करना
- दिक्षा, तमन्ना और निष्ठा जैसी पहलों और मंचों के विकास और विस्तार में मदद करना
- शिक्षा तंत्र की मिश्रित और संकरित प्रणाली को मिलाने में मदद करना
- एनईटीएफ और अन्य मंडलों द्वारा निर्धारित मानकों के आधार पर सामाग्री, तकनीक और ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करना
कौशल क्षमता निर्माण के लिए टीजी गुरूकुल की अद्वितीय क्षमताएं
- टीजी गुरूकुल के क्षमता निर्माण कार्यक्रम प्रभावी और इसी तरह के अन्य कार्यक्रमों से कम खर्चीले हैं ।
- यह भारत सरकार और राज्य सरकार को कम खर्च में ज्यादा से ज्यादा लोगों तक देश के सभी हिस्सों और स्तरों से आनेवाले विद्यार्थियों तक क्षमता निर्माण कर्यक्रमों को पहुंचाने के अवसर प्रस्तुत करता है ।
- हमारे कार्यक्रम शानदार पाठ्यक्रम के साथ अनुभवी शिक्षकों और बेहतरीन तकनीक के साथ लचीले और बहुभाषीय हैं ।
- हमारे कार्यक्रम व्यावहारिक और उपयोगी हैं इसलिए विद्यार्थी उन्हें आधुनिक चुनौतियों से लड़ने के लिए कभी- भी उपयोग कर सकते हैं ।
- टीजी गुरूकुल के कार्यक्रम विद्यालयीन पाठ्यक्रमों और आजीविका आधारित पाठ्यक्रमों के पूरक हैं ।
- हमारे कार्यक्रम कक्षा 6-11 तक के विद्यार्थियों के साथ वयस्क विद्यार्थियों और अपारंपरिक विद्यार्थियों के लिए लचीले और विस्तारणीय हैं जो कि उन्हें अर्थपूर्ण सहयोग और नेटवर्किंग की अनुमति देते हैं ।
- हमारे कौशल क्षमता निर्माण कार्यक्रम विद्यार्थियों को कुशाग्रता प्रदान करते हैं जो कि अर्थपूर्ण शिक्षा और आत्मविश्वास के लिए आवश्यक हैं ।
- ये शैक्षिक और मूल पाठ्यक्रम के पूरक हैं ।
- हमारे कार्यक्रम विशेषज्ञ समिति द्वारा संचालित किए जाते हैं जिसमें अनुभवी शिक्षक शामिल हैं इसलिए विद्यार्थी पेशेवर शिक्षा के लिए हम पर विश्वास कर सकते हैं ।
- हमारे कार्यक्रम आजीविका विकास को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं, इसी के साथ हम विद्यार्थियों को सीधे संपर्क करने चैट करने के कई माध्यम उपलब्ध करवाते हैं ।
- हम ऑनलाइन सीखने और संवाद करने के लिए मंच उपलब्ध करवाते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि सीखना आकर्षक और प्रोत्साहनपूर्ण रहे ।
शेष शोध
- शेष शोध: शेष शोध बकाया शिक्षा और विकास के लिए आवश्यक है ।
- टीजी गुरूकुल के प्रशिक्षक और शैक्षिक प्रमुख अपने विषय में मास्टर और पीएचडी होल्डर हैं जो कि विद्यार्थियों में शैक्षिक और अध्ययन में शोध को बढ़ावा देते हैं ।
सीखने और गतिविधि के क्षेत्र में कठिन अलगाव नहीं
- कठिन अलगाव नहीं:विज्ञान और कला के बीच, पाठ्यक्रम और पाठ्येत्तर गतिविधियों के बीच, आजीविका और शैक्षिक क्षेत्र के बीच आदि । जिससे नुकसान दायक पदानुक्रमों और सीखने के विभिन्न क्षेत्रों के बीच बनी व्यवस्था को खत्म किया जा सके ।
- टीजी गुरूकुल को बेजोड़ तरीके से तैनात और डिजाइन किया गया है ।
बहु- विषयक और समग्र शिक्षा
- बहु- विषयक विश्व में जानकारियों में एकता और समग्रता सुनिश्चित करने के लिए विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, कला, मानविकी और खेलों में समग्रता स्थापित की जाती है ।
- टीजी की विविधता और लचीलापन जमीनी स्तर पर तैयार किया गया है ।
- संपूर्ण भारत में टीजी गुरूकुल एक ऐसा मंच है जिसके पास समावेशी पाठ्यक्रमों की सूची है ।
जीवन कौशल्यों का विकास
- जीवन कौशल्: इसमें संवाद कौशल, सहयोग, समूह कार्य और सर्वसमावेशक शामिल हैं ।
- टीजी गुरूकुल पाठ्यक्रम का विस्तार 15 कौशल- क्षमता निर्माण पहलों और आजीविका मार्गों को ध्यान में रखकर किया गया है ।
संविधान आधारित नैतिक और मानवी मूल्य
- संविधान आधारित नैतिक और मानवी मूल्य इसके अंतर्गत, सहानुभूति, दूसरों का सम्मान, सफाई, शिष्टाचार, लोकतांत्रिक भाव, सेवाभाव, सरकारी सम्पत्ति का सम्मान, वैज्ञानिक मनोवृत्ति, स्वतंत्रता, जिम्मेदारी, बहुलवाद, समानता और न्याय की शिक्षा दी जाती है ।
- विद्यालयों में व्यावहारिक पहलुओं को संबोधित किया जाएगा ।
- टीजी गुरूकुल के पास सभी पहलुओं पर आधारित पाठ्यक्रम है, जिसमें सीखने के मार्ग शामिल हैं ।
वैचारिक समझ पर जोर देना
- रट्टामार और परीक्षा आधारित शिक्षा की जगह वैचारिक समझ आधारित शिक्षा पर जोर दिया जाता है ।
- टीजी गुरूकुल के पाठ्यक्रम को जमीनीस्तर पर वैचारिक और नाजुक विचारों को पोषित करने के लिए बनाया गया है ।
तकनीक का व्यापक उपयोग
- सीखने और सिखाने की प्रक्रिया में भाषा अवरोध को खत्म करने, दिव्यांग बच्चों तक पंहुच बढ़ाने और शैक्षिक योजना और व्यवस्थापन के लिए तकनीक का व्यापक तौर पर इस्तेमाल किया जाता है ।
- टीजी गुरूकुल का तकनीकी मंच बहुभाषीय, आंतरिक मापनीय, स्वनिहित और विश्व में सबसे बेहतरीन है ।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्षमता निर्माण पर दिशानिर्देश
- शिक्षकों के लिए
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बिंदु 5.15 और 5.16 के आधार पर 50 घंटे का नियमित पेशेवर विकास कार्यक्रम ( सीपीडी )
- क्षमता आधारित शिक्षा और मूल्यांकन सुधार ( एनईपी बिंदु 4.6 )
- शिक्षकों के लिए (एनईपी बिंदु 4.6) दिक्षा, पिसा क्षमता प्रशिक्षण जैसे मंचों पर ऑनलाईन पाठ्यक्रम उपलब्ध करवाना
- एफएलएन ( बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मक ) - ग्रेड 6 से 8 तक यदि कोई कोर्स शुरू किया जाता है तो व्यवस्थित संरेखण के लिए विद्यार्थियों के सीखने के स्तर को जांचा जाना चाहिए ।
- विद्यार्थियों के लिए
- विश्वसनीय और भरोसेमंद प्रशिक्षकों से कोर्स आधारित पूरक सहायता
- आईसीटी उपयोग
- योग्यता
- अंग्रेजी बोलने और सुनने का कौशल
- भारत देश और स्थानीय क्षेत्र के बारे में सामान्य जानकारी आदि
- आर्टिफिशियल लर्निंग और मशीन लर्निंग
- वित्तीय साक्षरता
- डिजाइन विचार or निर्माण विचार
- सुंदरता और कल्याण के विभिन्न व्यावसायिक कोर
- जैविक उत्पादों के बारे में जानकारी देना
- खाद्य आदतें और पोषण स्त्रोत, संतुलित आहार का निर्माण, जंक फूड से स्वास्थ्य पदार्थों की तरफ जाने के तरीके बताना आदि
- विश्वसनीय और भरोसेमंद प्रशिक्षकों से कोर्स आधारित पूरक सहायता
उद्देश्य
- कौशल और मूल्य आधारित शिक्षा देकर वैश्विक मानसिकता विकसित करना और क्षमता निर्माण में मदद
- विद्यार्थियों की अद्वितीय क्षमताओं को पहचानना और उन्हें बढ़ावा देना
- तार्किक निर्णय, नाजुक विचारों, समस्या हल और नवीनता को बढ़ावा देना
- इन नमूनों का मुख्य उद्देश्य समझने की तत्परता का विकास और अलग -अलग कौशल्यों की सराहना करना और उनका विद्यार्थियों के कार्यस्थल पर उपयोग समझाना
- इस पाठ्यक्रम में निर्देशों को योजनाबद्ध तरीके से निहित किया गया है - ग्रेड 6 से 8 तक के विद्यार्थियों को नियमित शिक्षा के साथ रोजगार और क्षमता आधारित व्यावसायिक विषयों को शामिल करना
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लिए टीजी गुरूकुल का अभियान
Sr. # | NEP 2020 Goals | TG Capabilities |
---|---|---|
1 | शिक्षकों और अभिबावकों को संवेदनशील बना कर विद्यार्थियों के शैक्षिक और अशैक्षिक क्षेत्रों में समग्र विकास के लिए उनकी अद्वितीय क्षमताओं को पहचानकर मान्यता देते हुए उन्हें बढ़ावा देना | |
2 | ग्रेड 3 के विद्यार्थियों में बुनियादी साक्षरता और संख्यत्मकता प्राप्त करने के लिए प्राथमिकता के आधार पर प्रयास करना | |
3 | विद्यार्थियों को अपने प्रक्षेप पथ और कार्यक्रमों को चुनने की स्वतंत्रता देना और उन्हें उनकी प्रतिभा और दिलचस्पी के अनुसार मार्ग प्रदान करना | |
4 | विज्ञान और कला के बीच, पाठ्यक्रम और पाठ्येत्तर गतिविधियों के बीच, आजीविका और शैक्षिक क्षेत्रों आदि के बीच कोई बड़ा बदलाव न करते हुए नुकसान दायक पदानुक्रमों और सीखने के विभिन्न क्षेत्रों के बीच बनी व्यवस्था को खत्म करना | |
5 | बहु- विषयक विश्व में जानकारियों में एकता और समग्रता सुनिश्चित करने के लिए विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, कला, मानविकी और खेलों में समग्रता स्थापित करना | |
6 | रट्टामार और परीक्षा आधारित शिक्षा की जगह वैचारिक समझ आधारित शिक्षा पर जोर देना | |
7 | तार्किक निर्णय निर्माण और नवीनता के लिए गतिविधि और नाजुक विचारों का पोषण करना । | |
8 | इसके अंतर्गत, सहानुभूति, दूसरों का सम्मान, सफाई, शिष्टाचार, लोकतांत्रिक भाव, सेवाभाव, सरकारी सम्पत्ति का सम्मान, वैज्ञानिक मनोवृत्ति, स्वतंत्रता, जिम्मेदारी, बहुलवाद, समानता और न्याय की शिक्षा देना | |
9 | सीखने और सिखाने में भाषा शक्ति और बहुभाषावाद को बढ़वा देना । | |
10 | जीवन कौशल में संवाद कौशल, सहयोग, समूह कार्य और सर्वसमावेशक पाठ्यक्रमों को शामिल करना | |
11 | वर्तमान कोचिंग संस्कृति का मुकाबला करने के लिए बच्चों के योगात्मक मूल्यांकन की जगह रचनात्मक मूल्यांकन को बढ़ावा देना | |
12 | सीखने और सिखाने की प्रक्रिया में भाषा अवरोध को खत्म करने, दिव्यांग बच्चों तक पहुंच बढ़ाने और शैक्षिक योजना और व्यवस्थापन के लिए तकीनीक का व्यापक तौर पर इस्तेमाल करना | |
13 | विविधता और स्थानीय परिप्रेक्ष्य को ध्यान में रखकर पाठ्यक्रम, शिक्षा सामाग्री और नीति तैयार करते हुए शिक्षा को समानता से जुड़ा विषय बनाना | |
14 | विद्यार्थियों की सफलता को आधार बनाकर शिक्षा से जुडा कोई भी निर्णय लेना | |
15 | शुरूआती शिक्षा से स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा तक पूरे पाठयक्रम में तालमेल स्थापित करना । | |
16 | शिक्षक और कर्मचारी सीखने की प्रक्रिया के केंद्र बिंदु हैं – उनकी नियुक्ति, नियमित पेशेवर विकास, कार्यस्थल पर सकारात्मक विकास, और सेवा शर्तें स्थापित करना | |
17 | स्वतंत्रता, सुशासन और सशक्तिकरण के माध्यम से नए विचारो और लीक से हटकर विचारों को प्रोत्साहित करते हुए ऑडिट माध्यम से एक 'हल्का लेकिन कसा हुआ' कार्यक्रम के तहत अखंडता, पारदर्शिता और संसाधन दक्षता सुनिश्चित करना । | |
18 | शिक्षा विशेषज्ञों द्वारा निरंतर अनुसंधान और नियमित मूल्यांकन पर आधारित नियमित प्रगति समीक्षा करना । |
– सभी भौगोलिक स्थानों के लिए उपयोगी
– सार्वभौमिक सभी भौगोलिक परिस्थितियों में सक्षमस्थानीय मांग के अनुसार उपयोगिता